कोरोना के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए एमपी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. शिवराज सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना के इलाज को भी शामिल कर लिया है. दूर दराज के गाँवों में कोरोना के बढ़ते हुए मामलो को देखते हुए ये फैसला किया गया है.
इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए सरकार मध्यप्रदेश के 250 से अधिक अस्पतालों के साथ अनुबंध करेगी. जहां पर लोग कोरोना का इलाज कराने के लिए आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे और अस्पताल उसका इलाज करने से मना भी नहीं कर सकता है. एमपी सरकार अब 68 अस्पतालों के साथ अनुबंध कर चुकी है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार इसके लिए 40 फीसदी तक अतिरिक्त विशेष पैकेज देगी. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियो को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अस्पतालों के साथ अनुबंध की प्रक्रिया को पूरा करे ताकि गरीबो को कोरोना के इलाज में कोई परेशानी ना हो.
एमपी सरकार के इस फैसले के अनुसार अगर परिवार के किसी एक भी सदस्य के पास आयुष्मान कार्ड है तो उससे पुरे परिवार का इलाज मुफ्त में होगा. ये सबसे बड़ी राहत की बात है. हालाँकि परिवार जिन सदस्यों का कार्ड नहीं है उनके अस्पताल में भर्ती होने प्रशासन को उनका कार्ड बनवाना होगा.
मध्यप्रदेश सरकार ने सीटी स्कैन के लिए मिलने वाली 5000 हज़ार की सलाना राशी की सीमा को बढाकर 25000 कर दिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन अस्पतालों के साथ अनुबंध किया है उनमे मुफ्त कोरोना इलाज के साथ साथ सिटी स्कैन की जांचे भी मुफ्त में होगी.
साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन भी मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाएगा. इस योजना के दायरे में मध्यप्रदेश के 328 अस्पताल आते है. जिनमे 23,946 बिस्तर उपलब्ध है. हालाँकि सरकार के निर्देश के बावजूद भी कई अस्पताल मुफ्त में इलाज करने में आनाकानी कर रहे है.
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