डासना के शिव शक्ति मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती को मारने की कोशिश नाकाम, सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड द्वार पहुंचा काशिफ़.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डासना के शिव शक्ति मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी हत्या के मकसद से आए दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है की इन दोनों (काशिफ़ और उसका साथी) को महंत की दिनचर्या की पूरी जानकारी पहले से ही थी, इसलिए वे अपने साथ एक सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड जैसी घातक सामग्री लाए और ठीक उस समय मंदिर में प्रवेश किया जब यति नरसिंहानंद सरस्वती जी अपने रोज के हवन यज्ञे से उठे थे.
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बता दें महंत यति जी 7 बजे से पौने 9 बजे तक हवन करते हैं और इस की खबर संदिग्धों को पहले से ही थी. दोनों ने मंदिर में प्रवेश करते समय अपना अपना नाम हिंदू बताया और देवी मंदिर के भीतर पहुंच गए. लेकिन उन पर शक होने के कारण स्वामी जी के सेवकों ने उन्हें धरा और पूछताछ से पता चला की उनमें एक काशिफ़ हैं और उनके पास सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड जैसी घातक सामग्री भी हैं.
राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में स्थित डासना क्षेत्र के पौराणिक शिव शक्ति मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने इस घटना के बाद एक Video जारी कर घटना पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी, इस दौरान उन्होंने ही इस बात की पुष्टि करी की पुलिस को धोखा देकर और गलत नाम बताकर मंदिर के भीतर प्रवेश किया, लेकिन उनके सेवकों ने दोनों को रंगें हाथों पकड़ लिया.
अपने वीडियो में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी कहते हैं की “आज 2 जून 2021 की रात है, अभी मई जो ये वीडियो बना रहा हूं सवा नौ बजे हुए हैं. आज एक हिंदू और एक मुसलमान सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड लेकर मेरे यज्ञे से उठने के समय यहां आए, मुसलमान आया उसका दुःख नहीं है मुझे लेकिन एक हिंदू उसे लेकर आया इसकी बहुत पीड़ा है. दोनों ने अपना नाम गेट एंट्री पर हिंदू लिखवाया, मुसलमान ने भी अपना नाम कशी गुप्ता (काशिफ़) लिखवाया और पुलिसवालों ने उन्हें बिना तलाशी के अंदर आने दिया. मैं मंदिर में नहीं था, लेकिन अगर मैं मंदिर में होता तो उन्हें बताता की सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड लेकर मंदिर में घुसने वालों का क्या अंजाम होना चाहिए”.
उन्होंने वीडियो में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और यह भी कहा की “इस देश में पुलिस का केवल एक काम है की जिहादियों द्वारा की गई गंदगी पर पर्दा डालना, ताकि हिंदूवादी सरकारें बदनाम ना हों, वे नेता बदनाम ना हों अच्छी तरह से मेरी सिक्योर्टी देना नहीं चाहते, अभी थोड़ी देर में पुलिस और एसएसपी साहब का स्टेटमेंट आएगा की कोई बहुत बड़े डॉक्टर थे जो सर्जिकल ब्लेड और सायनाइड लेकर डासना देवी मंदिर मेरी कोई सेवा करने आए होंगें जरुर”.
महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने गुस्से में कहा की “मुसलमान मौलानाओं ने कहा है की मेरी गर्दन काटेंगें हर कीमत पर, अरे ये तुम्हारा सौभाग्य हैं की मैं तुम्हारे कुत्तों को मिला नहीं यहां और ये मेरा दौर्भाग्य है की उस समय मैं यहां नहीं था. वरना दुनिया देखती और आज हम पूरी में हम चर्चा में होते”. हिंदुओं के मौन पर कटाक्ष करते हुए कहा की “मेरा एक एक हिंदू से केवल एक ही निवेदन है की देखते रहो, की ये इस्लाम के जिहादी मेरे साथ क्या कर रहे हैं और तुम्हारी राजनीति मेरे साथ क्या करवा रही है. मेरा नाम ‘यति नरसिंहानंद सरस्वती’ है, मौत मुझे डरा नहीं सकती, मेरे शत्रु मुझे पराजित नहीं कर सकते, मेरी मौत का दिन मेरी मां और महादेव ने तय किया है उसकी चिंता नहीं है मुझे, जितना ये जिहादी मुझसे मिलने के लिए बिलबिला रहे हैं, उससे हजार गुना ज्यादा तड़प मेरे दिल में इनके लिए हैं”.
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