किसानों और केंद्र सरकार के बीच हाल ही में आए नय कृषि कानून को लेकर 10 दिनों से संघर्ष चल रहा है और आज उसी विषय पर किसानीय नेताओं और केंदीय मंत्रियों संग बैठक हुई जो की बेनतीजा रही.
भारत सरकार ने अभी पिछले महीने ही देश में नय कृषि कानून को लागू करने की अनुमति दी थी. परन्तु शुरुआत से ही कुछ किसानों को नय कृषि कानून की कुछ शर्तों से एतराज था और अब सरकार का विरोध देश भर के किसानों द्वारा किया जा रहा है.
आज की बैठक बहुत देर तक चली थी. इस बैठक में कई केंद्रीय मंत्रियों और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 40 किसानीय नेताओं के साथ बातचीत की थी.
जिसमे केंद्रीय मंत्रियों ने किसानीय नेताओं के समक्ष कई प्रस्ताव रखे जिन्हें सभी किसानिए नेताओं ने एक जुट होकर इनकार करते हुए कहा की हमें लिखित में चाहिए की नय कृषि कानून को रद्द कर रहे हो.
बेनतीजा रही आज की बैठक
किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई आज की बैठक बेनतीजा रही. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानीय नेताओं से कहा की मोदी सरकार किसानों का उचित सोचते हुए उनके हित के लिए ही कार्य करती है तो फिर किसी किसान भाई को MSP पर संदेह नहीं करना चाहिए.
वहीं सभी किसानीय नेताओं का कहना है की हमें सरकार से लिखित में इस नय कृषि कानून को रद्द करने की निर्णय चाहिए. तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा और अब कोई ओर बैठक के भी हम विचार करेंगे.
9 दिसम्बर को अगली बैठक
केंद्रीय मंत्रियों के सारे प्रयासों के विफ़ल हो जाने के बाद अब उन्होंने किसानों से 9 दिसम्बर को फिर बातचीत करने का प्रस्ताव दिया है.
लेकिन सभी किसानीय नेताओं को इससे संतुष्टि नहीं है कुछ किसानीय नेताओं का कहना है की सरकार के साथ अब हमारी कोई बैठक नहीं होगी, हमें अब बातचीत नहीं सरकार से जवाब चाहिए.
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