किसान और सरकार के बीच हुई आज की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला है, इसलिए अब अगली बैठक 3 दिसम्बर 2020 को निश्चित की गई है.
बता दे की भारत सरकार द्वारा हाल ही नए कृषि कानून को में मंजूरी दी गई, लेकिन कानून के लागू होने के कुछ समय बाद ही पूरे देश भर में इस नए कृषि कानून का विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
किसानों की समस्या ये है इस कानून की कुछ शर्तें एसी हैं जिनसे किसानों का ऐतराज है, बस इसी नारजगी के चलते किसानों ने एकजुट होकर सरकार के इस नए कृषि कानून का विरोध करना शुरू कर दिया है.
किसानों की परिस्थिति को गम्भीरता से लेते हुए सरकार ने किसानों के बीच बैठकर बातचीत करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत आज ही मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच पहली बैठक हुई लेकिन ये बैठक आज बेनतीजा रही है.
इन मंत्रियों संग हुई किसानों की बैठक
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई किसानों संग बैठक में सरकार की ओर प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश ने किया. बैठक में सभी मंत्रियों ने कुल 32 किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत की थी.
किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह भी आज विज्ञान भवन में हुई मंत्रियों के बातचीत में मोजूद थे. उन्होंने बयान दिया की सरकार से कुछ तो लेकर ही वापस जाएंगे फिर चाह वो गोलियां हों या शांतिपूर्ण रूप से समस्या का समाधान, तब तक इस नए कृषि कानून के विरुद्ध आन्दोलन नहीं रुकेगा.
3 दिसम्बर को होगी अगली बैठक
किसानों के साथ हुए बैठक की समाप्ति के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया की किसानों के हमारी बातचीत अच्छी रही है. अब हमने सहमती से निर्णय लिया है की आगली बैठक 3 दिसम्बर को होगी.
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा की हमारी इच्छा है की एक कमेटी का गठन किया जाएगा लेकिन किसान नेताओं की इच्छा है की सभी के संग मीटिंग ही होनी चाहिए और हमें अब भी इससे कोई आपत्ति भी नहीं हैं.
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