जिस पंजाब सरकार ने किसान आंदोलन का किया था समर्थन, उसी के खिलाफ़ किसानों ने कोरोना कुप्रबंधन को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय किसान यूनियन यानि की BKU की पंजाब वाली यूनिट ने पंजाब की राज्य सरकार के खिलाफ़ कोरोना कुप्रबंधन को लेकर प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी है. किसानों ने मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा कोरोना वायरस से निपटने में असफल और इसी कारण किसान तीन दिनों तक विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं.
कई किसान नेताओं का मानना है की “राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस (Corona Virus) से निपटने के कदमों के खिलाफ प्रदर्शन में 2 हजार से 3 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है”. किसानों ने कोंग्रेस और अमरिंदर सिंह की सरकार पर आरोप लगाया की “राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में पूरी तरह से विफल रही है, इसी कारण राज्य में कोरोना केस बढ़े हैं”. पुरे पंजाब में अब तक कुल 5 लाख 56 हजार 89 कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं, इनमें से 14 हजार 4 लोगों की मौत हो चुकी हैं. यदि पिछले 14 दिनों की बात करें तो यहां 80 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आए.
किसानों ने राज्य में बढ़ते कोरोना मामलों के लिए केवल राज्य सरकार पर दोष मड़ दिया है, हालांकि NCDC यानि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों के लापरवाह विरोध प्रदर्शन को ही पंजाब और दिल्ली में कोरोना के यूके वैरिएंट के फैलने के लिए जिम्मेदार ठहराया है. बता दें की एनसीडीसी के निदेशक डॉ सुरजीत सिंह एक डाटा साझा करते हुए कहा की “पंजाब ने B.1.1.7 कोरोना वैरिएंट के मामलों के बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, कोरोना के प्रसार के लिए 4 मुख्य कारक हैं जिनमें शादियाँ और 1 फरवरी से 28 फरवरी तक किसानों का विरोध प्रदर्शन इसके लिए जिम्मेदार भी हैं. इसी के चलते मार्च में ही दिल्ली को 15 हजार गंभीर मामलों की चेतावनी दे दी गई थी”.
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