आज तक के मशहूर एंकर रोहित सरदाना का कल कल यानी 30 अप्रैल को हार्ट अटैक से निधन हो गया था. रोहित कोरोना से भी संक्रमित बताए जा रहे थे. जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. लेकिन निधन के एक दिन बाद ही रोहित सरदाना की मौत को लेकर सवाल उठने लगे है. ट्विटर पर #justiceforrohitsardana ट्रेंड कर रहा है.
इस हैशटैग का समर्थन कर रहे लोगो का कहना है कि रोहित सरदाना को कोरोना के हल्के लक्ष्ण थे. ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक कैसे आ सकता है. भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने रोहित की मौत पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि रोहित सरदाना भाई को वो इंजेक्शन लगाया गया जो उनको सूट नहीं होता था, इलाज के वक्त कोई सीनियर भी नहीं था. ये लापरवाही है या कुछ और इसकी जाँच होनी चाहिए.
डॉक्टर ऋचा राजपूत ने ट्वीट कर लिखा, “रोहित मानसिक और शारीरिक रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति थे, जिनको कोरोना के हल्के लक्षण थे। उन्हें कभी हार्ट अटैक नहीं आया था और न ही कोई दिल संबंधी बीमारी थी. सुपरस्पेशेलिटी अस्पताल के आईसीयू में कुछ ही में उनकी मौत हो जाए. ये सही नहीं है.
अंकित जैन ने ट्वीट करते हुए लिखा रोहित भैया देश की अमानत थे. उन्हें दिया गया हर इलाज पब्लिक होना चाहिए. इस पुरे मामले में बहुत सी चीज़े रहस्यमयी है. बीजेपी एम्एलए संजू देवी ने लिखा कि मैं रोहित सरदाना के इलाज में लापरवाही बरतने के लिए मेट्रो अस्पताल के ख़िलाफ उच्च स्तरीय जाँच की माँग करती हूँ.


एडवोकेट गौरव गोएल ने ट्वीट कर लिखा इस मामले में जाँच ही लापरवाही हो उजागर कर सकती है. वही एक यूजर ने योगी आदित्यनाथ से डीजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित करवाकर रोहित की मौत की जांच करने की मांग की. साथ ही जरुरत पड़ने पर सीबीआई जांच की मांग भी उठाई.
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