अद्भुत विचारपति स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकता में हुआ था, इसीलिए आज ही के दिन राष्ट्रीय युवा दिवस भी मनाया जाता है.
स्वामी विवेकानंद जी बाल ब्रह्मचारी थे और उच्च विचारों के धनी होने के कारण वे एक श्रेष्ठ पुरुष भी थे. स्वामी जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस जी थे. स्वामी विवेकानंद जी परम राष्ट्र भक्त थे और ये बात किसी से छिपी नहीं है. उनहोंने जीवन भर अपने धर्म का त्याग नहीं किया, उन्होंने सदा ही एक सन्यासी बनकर सपना जीवन व्यतीत किया और हर क्षेत्र में सनातन धर्म व वेदों का प्रसार भी किया.
उनहोंने अपने विचारों से लोगों के जीवन को रोशन कर दिया था और आज वे हमारे साथ तो नहीं है किंतु उनके विचार अमर है वो सदा ही लोगों को प्रेरित करते रहेंगे. स्वामी जी सदैव दूसरों की सहायता हेतु तत्पर रहते थे, उनका विश्वास था की लोगों की सेवा करना ईश्वर की पूजा करने के समान है.
स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस
आज करोड़ों युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद जी और उनके विचार प्रेरणा देते हैं, इसीलिए उनके जन्म दिवस को राष्ट्रिय युवा दिवस को देशभर में सर्वत्र मनाया जाता है.
युवाओं द्वारा आज के दिन देश के विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में भिन्न – भिन्न प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं, रैलियाँ, योगासन की स्पर्धा, पूजा-पाठ, व्याख्यान इत्तादी कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है इसके अतिरिक्त विवेकानन्द साहित्य की प्रदर्शनी भी लगती है.
युवा प्रेरणा हेतु स्वामी जी के 6 सफलता सूत्र
यूं तो युवाओं में स्वामी विवेकानंद जी का हर विचार प्रेरणादायक है किंतु उनके 6 ऐसे प्रमुख सफलता सूत्र है जो की युवाओं के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रेरणा स्त्रोत हैं:-
- जिस समय जिस कार्य का संकल्प करो उस कार्य को उसी समय सार्थक करो अन्यथा लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे.
- जीवन में अधिक संबंध/रिश्ते होना आवश्यक नहीं हैं अपितु इसके जो संबंध हैं उसी में जीवन होना आवश्यक है.
- दिन में एक बार स्वयं से अवश्य वार्ता/बात करो अन्यथा आप संसार के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति से वार्ता करने का अवसर खो देंगे.
- दिल और दिमाग के टकराव में हमेशा ही अपने दिल की बात सुनो.
- स्वयं को कभी भी कमजोर न समझो, क्योंकि ये सबसे बड़ा पाप है.
- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक तुम अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते.
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