राजस्थान के मुख्य मंत्री Ashok Gehlot का दौहरा रवैया सामने आया है, दरअसल धार्मिक अनुष्ठान पर 500 लोगों के भड़कने वाले CM ने जनाज़े पर चुप्पी साध ली.
देश के लगभग हर राज्य में कोरोना ने अपना केहर बरसाया हुआ है, ऐसे में क्षेत्रफल के लिहाज से सबसे बड़े राज्य राजस्थान में भी हालत गम्भीर बने हुए हैं. राज्य में अब तक कुल 5 लाख 80 हजार 846 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अब तक लगभग 5 हजार के करीब मौतें दर्ज की गई हैं.
पिछले 14 दिनों में भी स्थिति गम्भीर बनी हुई हैं, इन दिनों में कुल 1 लाख 92 हजार 896 नय मामले दर्ज किए गए हैं. इन सब के बावजूद भी राजस्थान के मुख्य मंत्री जनता के साथ दौहरा रवैया अपनाने में लगे हुए हैं.
Ashok Gehlot सामने आया दौहरा रवैया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने कोरोना के प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए धौलपुर में एक धार्मिक आयोजन के दौरान 500 लोगों के इकट्ठा होने पर स्थानीय SP और DM को सबके सामने फटकारा, लेकिन वहीँ दूसरी ओर जैसलमेर में ‘सरहद का सुल्तान’ गाजी फकीर के जनाजे में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़ पर CM अशोक गहलोत ने चुप्पी साधा ली.
Ashok Gehlot और कोंग्रेस का गाजी फकीर से सम्बंध
यदि कोंग्रेस और अशोक गहलोत का गाजी फकीर से सम्बंध की करें तो बता दें की गाजी फकीर के बेटे मोहम्मद सालेह राजस्थान सरकार में वक्फ और अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री भी हैं. गाजी फकीर ने जनाज़े में हजारों की तदात में लोगों की भीड़ जुटी और सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ी, लेकिन इन सब के बावजूद भी राज्य सरकार के कानों के निचे से जूं तक ना रेंगी. बता दें की इस समय राजस्थान में प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार अथवा जनाज़े में केवल 20 लोगों के जमा होने की अनुमति है.
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