IMA बनाम बाबा रामदेव विवाद में योग गुरु का एक ओर बयान सामने आया हैं, जिसमें उन्होंने अपने ‘ड्रग माफिया’ वाले बयान का संज्ञान लिया.
योग गुरु बाबा रामदेव ने शाम को एक ट्विट करके अपने ‘ड्रग माफिया’ वाले बयान का संज्ञान लेते हुए कहा की “माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जनऔषधि केंद्र इसलिए खोलने पड़े, क्योंकि कुछ लोग मूल औषधियों को ब्रांडेड के नामपर कई गुना ज्यादा दामों पर बेचकर आर्थिक शोषण कर रहे थे, आपके संज्ञान हेतु हमकुछ औषधियों की मूल्यसूची प्रस्तुत कर रहे हैं, इसी वेदनासे पीड़ित व द्रवित होकर हमने ड्रग माफिया कहा”.
मा.श्री@narendramodi जी को जनऔषधि केंद्र इसलिए खोलने पड़े,
क्योंकि कुछ लोग मूल औषधियों को ब्रांडेड के नामपर कई गुना ज्यादा दामों पर बेचकर आर्थिक शोषण कर रहे थे,आपके संज्ञान हेतु हमकुछ औषधियों की मूल्यसूची प्रस्तुत कर रहेहैं,
इसी वेदनासे पीड़ित व द्रवित होकर हमने ड्रग माफिया कहा. pic.twitter.com/k6yhA7pKtf— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) June 8, 2021
बता दें की इससे स्वामी बाबा रामदेव ने एक मीडिया चैनल से वार्तालाप करते हुए कहा की “मेरी लड़ाई उन ड्रग माफिया के खिलाफ है जो गैर जरूरी ऑपरेशन करते हैं, गैर जरूरी टेस्ट करते हैं. ये मैं नहीं कहता, मेदांता हॉस्पिटल के हेड डॉक्टर नरेश त्रेहान और एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया भी यही कहते हैं”. उन्होंने इस दौरान यह भी कहा था की वह आईएमए के खिलाफ नहीं है. आईएमए को अपनी राजनीति चलानी है. डॉक्टरों के बीच नेतागिरी करनी है तो उनके साथ लड़ाई का कोई सवाल ही नहीं है, आईएमए को वह गंभीरता से नहीं लेते हैं.
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार योग गुरु बाबा रामदेव ने FAIMA यानि फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के नोटिस का प्रतिउत्तर देते हुए कहा की “आपके द्वारा जारी किया गया नोटिस पूरी तरह से गलत है, योग्यता से रहित है और अधूरी जानकारी के आधार पर जारी किया गया है. इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप अपना नोटिस तुरंत वापस ले लें”. उन्होंने इस विषय पर आगे यह भी कहा की उनके बयानों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया। वह केवल प्रयोगात्मक चिकित्सा के अत्यधिक उपयोग पर सवाल उठा रहे थे.
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