हम सब इस सत्य से भली भांति परिचित है की आचार्य चाणक्य और उनकी नीतियां आज भी सभी सफ़ल व्यापारियों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.
आज हम बात करने वाले हैं उस महान व्यक्ति के बारे में जो एक श्रेठ राजनीतज्ञ के साथ – साथ उत्तम अर्थशास्त्र ज्ञानी भी थे, जी हां हम बात कर रहे हैं आचार्य चाणक्य की व्यापारियों दी गई सलाहों के बारे में जो की आज भी सभी कामयाब व्यापारियों की सफ़लता कुंजी बनी हुई है.
आचार्य चाणक्य के ख़ास कथन
महा ज्ञानी आचार्य चाणक्य के सबसे प्रसिद्ध कथन “समाने शोभते प्रीती राज्ञि सेवा च शोभते। वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे”. इन शब्दों के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने संसार में सुख से जीने का मार्ग समझाया है.
आचार्य चाणक्य का मानना था की “हमेशा मित्रता समान लोगों से करो वो ही शोभा देता है, सेवा सदैव ही राजा की करो तो शोभा देता है. वैश्यों को व्यापार करना ही शोभा देता है और एक शुभ स्त्री घर की शोभा होती है.
चाणक्य के व्यापारियों के लिए 4 सफलता मंत्र
अर्थशास्त्र के महान ज्ञानी आचार्य चाणक्य ने व्यापारियों को 4 ऐसे प्रमुख सफलता सूत्र बताए हैं जिन्हें अपनाने के बाद आज भी सभी व्यापारी अपना कर अपनी सफलता का मार्ग बना रहे हैं. वे चार सफलता मंत्र निम्न प्रकार से हैं:-
- एक कारोबारी को कभी भी नेगेटिव सोच मन में नहीं लाना चाहिए. सकारात्मक सोच से काम के क्षेत्र में जरूर सफलता मिलती है.
- एक कारोबारी को जोखिम से घबराना नहीं चाहिए बल्कि उसका डटकर सामना करना चाहिए. उसे अपने काम की पूरी जानकारी होनी चाहिए और उससे जुड़ी बेहतर रणनीति भी होनी चाहिए. साथ ही उसे समय-समय हो रहे कारोबार जगत के बदलावों से भी परिचित रहना चाहिए.
- किसी भी बिजनेस में अकेले चलकर सफलता हासिल करने से बेहतर है कि कुछ सहयोगियों को साथ लेकर काम को अंजाम दिया जाए. जिस कारोबारी के अच्छे दोस्त होते हैं वो कामयाबी तेजी से हासिल करता है.
- बिजनेस में व्यवहार कुशलता सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है. अगर व्यक्ति में लोक व्यवहार की कुशलता हो तो बिजनेस में आने वाली छोटी-बड़ी बाधाएं ऐसे ही खत्म हो जाती हैं.
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