‘लड़कियाँ स्कूल जा नहीं सकती, पर मर्द 2-3 निकाह करेंगे’ असम के सीएम सरमा ने कहा कि इसको बदलना होगा, मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं वे स्कूल-कॉलेजों में पढ़ें”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपने बेबाक बयानों से हमेशा मीडिया की चर्चा में रहने वाले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बार फिर से बड़ा बयान जारी कर दिया है। सीएम सरमा ने अपने इस बयान में कहा है, “हम उस व्यवस्था के खिलाफ हैं जहाँ मुस्लिम लड़कियाँ स्कूल में नहीं पढ़ सकती हैं और मुस्लिम पुरुष 2-3 महिलाओं से निकाह करते हैं।” वहीं मुख्यमंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि इस तरह की व्यवस्था को बदलना होगा। देखें वीडियो:-
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आपको बताते चलें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को मोरीगाँव की एक जनसभा में यह कहा कि उनकी पार्टी मुस्लिमों की उस व्यवस्था के विरुद्ध है, जिसमें कई बीवियाँ रखने का एक विशेष चलन है। सीएम सरमा ने कहा कि वो उस व्यवस्था के विरुद्ध भी हैं जहाँ मुस्लिम लड़कियाँ स्कूल में नहीं पढ़ सकती हैं और मुसलमानों के पुरुष 2-3 महिलाओं से निकाह करते हैं।
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने इस बयान में आगे कहा कि वह ‘सबका साथ सबका विकास’ को आगे लाने की वे भी एक कोशिश कर रहे हैं। सीएम सरमा यह भी ने कहा कि आजाद भारत में रहने वाले तमाम मर्दों को तीन-चार स्त्रियों से (बिना पूर्व शौहर को तलाक दिए) शादी करने का कोई हक नहीं हो सकता। हम लोगों को भी मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए कार्य करना होगा।
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वहीं हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने बयान को जारी रखते हुए आगे कहा कि अगर असमिया हिंदू परिवारों से महिलाएं डॉक्टर हैं तो फिर मुस्लिम परिवारों से भी डॉक्टर होने जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि वह कभी नहीं चाहते कि ‘पोमुवा’ मुस्लिम छात्र मदरसों में पढ़कर जुनाब, इमाम बन जाएं। वह तो यह चाहते हैं कि वे स्कूलों और कॉलेजों में भी पढ़ें। सीएम सरमा ने कहा कि कई सारे विधायक ऐसी सलाह इसलिए भी नहीं देते क्योंकि उन्हें ‘पोमुवा’ मुसलमानों के वोट चाहिए होते हैं। बता दें कि बांग्लादेश से आने वाले बंगाली भाषी मुसलमानों को असम में विशेष तौर पर ‘पोमुवा मुस्लिम’ कहा जाता है।
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