दिल्ली में अफगानी शरणार्थियों ने प्रदर्शन करके खुद के लिए ‘रिफ्यूजी कार्ड, किसी विकसित देश में बसाव और नौकरी’ व कई अधिकारों की मांग करी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र हाई कमिश्नर फॉर रेफ्यूजीज के ठीक सामने अफगानिस्तान छोड़ आए शरणार्थियों ने प्रदर्शन कर अपने लिए कई अधिकारों की मांग करी है, इन मांगों में रिफ्यूजी कार्ड और खुद के लिए नौकरी व कई अन्य मौलिक अधिकारों की भी मांग की गई है. प्रदर्शन करने वालों में अहमद जिया गनी नामक व्यक्ति प्रमुख है. दरअसल अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जे के बाद बहुत से शरणार्थी अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे हैं.
Delhi | There are more than 21,000 Afghan refugees in India. There is no reason to return to Afghanistan now: Ahmad Zhia Ghani, Head of the Afghan community in India pic.twitter.com/zh1fPBNjmY
— ANI (@ANI) August 23, 2021
बता दें की भारत में अफगानी शरणार्थियों के प्रमुख अहमद जिया गनी ने कहा की “देश में फ़िलहाल 21 हजार अफगान शरणार्थी हैं. इन सबके पास अब अपने मुल्क लौटने का कोई कारण ही नहीं बचा है”. उन्होंने आगे कहा की “अफगान शरणार्थियों के पास नौकरी व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएँ नहीं हैं”. उन सभी ने ‘लॉन्ग टर्म वीजा’ की मांग भी करी है. भारत के केन्द्रीय विदेश मंत्रालय की ओर से भी स्टेटमेंट आया है की “भारत आने वाले अफगानियों को ई-वीजा दिया जाएगा”.
इस पुरे घटना क्रम के बाद ज़रीफ़ा नामक 10 साल की अफगान शरणार्थी ने बताया की “हम 2016 में यहाँ पहुँचे थे. हम कनाडा में फिर से बसना चाहते हैं. मैं पढ़ना चाहती हूँ. अब अफगानिस्तान वापस जाना हमारे लिए संभव नहीं है. तालिबान हमारी हत्या कर देगा”. एक अन्य अफगान शरणार्थी ने भी कहा की “वह अमेरिका में फिर से बसना चाहती हैं. वह अपने परिवार के साथ पिछले 7 वर्षों से भारत में रह रही है. हाल ही में कनाडा के दूतावास के बाहर भी अफगानी शरणार्थियों ने प्रदर्शन किया था”. इन सब तफरा तफरी के बिच तालिबान ने भी अमेरिका को सीधी चुनोती दी है की “अगर अमेरिका 31 अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं को वापस नहीं बुलाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं”.
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