काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में नया अध्याय आरंभ हो गया है, वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वेक्षण के आदेश दे दिए हैं.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि के फैसले के आने के बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी मस्जिद के बिच के विवाद ने भी सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी है. बता दें की वाराणसी कोर्ट ने 8 अप्रैल 2021 को इस मुद्दे पर फैसला सुनाया, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फैसले में केंद्र सरकार को आदेश दिया गया की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ASI सर्वेक्षण करवाएं.
ज्ञानवापी मस्जिद पर फैसले के बाद भड़के ओवैसी
वाराणसी कोर्ट के इस फैसले से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी बहुत नाराज दिख रहे हैं, ओवैसी ने एक के बाद एक ट्विट करके अपनी नाराजगी जाहिर भी है. उन्होंने ASI पर भी आरोप लगाए हैं.
अपनी नाराजगी जताते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विट कर लिखा की “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को इस आदेश पर तुरंत अपील करके इसपर सुधार करवाना चाहिए, ओवैसी ने ASI पर भी आरोप लगाया है कि वो हिंदुत्व के हर प्रकार के झूठ के लिए दाई की तरह काम कर रही है”.
The legality of this order is doubtful. In Babri judgement SC said “A finding of title cannot be based in law on the archaeological findings which have been arrived at by ASI…" ASI has acted as a midwife to all kinds of Hindutva lies, no one expects objectivity from it 1/n https://t.co/oEv7RxsD7r
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2021
ज्ञानवापी में इतिहास दोहराया जाएगा -असदुद्दीन ओवैसी
कोर्ट के फैसले से नाराज असदुद्दीन ओवैसी ने बार बार बाबरी का भी जिक्र करते हुए कहा की “संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी सरकारी एजेंसी जहाँ तक है धोखाधड़ी करेगी और इतिहास दोहराया जाएगा जैसा बाबरी मामले में हुआ था, किसी भी व्यक्ति को मस्जिद की प्रकृति बदलने का कोई अधिकार नहीं है”.
The legality of this order is doubtful. In Babri judgement SC said “A finding of title cannot be based in law on the archaeological findings which have been arrived at by ASI…" ASI has acted as a midwife to all kinds of Hindutva lies, no one expects objectivity from it 1/n https://t.co/oEv7RxsD7r
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2021
उन्होंने आगे कहा की “बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने का आपराधिक कृत्य करने वाले लोगों को गले लगा लिया गया है और ये लोग भारत को 1980 – 90 के हिंसा के समय में वापस ले जाने के लिए यहीं नहीं रुकेंगे और काल्पनिक इतिहास पर लगातार कलह करेंगे”.
It is clear that the people who committed the "egregious criminal act" of demolishing Babri Masjid have been emboldened & will not stop at anything to take India back to violence of 1980s-90s & constant bickering over fictitious "history". 3/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2021
PM मोदी से ओवैसी कहा की “मोदी को धार्मिक स्थलों के धर्मांतरण निषेध कानून 1991 को लागू करने की आवश्यकता है और उन्हें हस्तक्षेप करने की हिम्मत करनी चाहिए, जब हमने बाबरी के बारे में अपनी निराशा व्यक्त की, तो कई लोगों ने हमें बात बंद करने को कहा. अब तुम सब कहाँ हो?”
| @PMOIndia is required by law to enforce Places of Worship Act 1991 which prohibits conversion of religious place. He must find courage to intervene. Many were patronising us with talk about "closure" when we expressed our disappointment about Babri. Where are you all now? 4/n
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2021
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