कल शुक्रवार 3 जून को यूपी के कानपुर देहात में विशेष समुदाय के लोगों ने जुम्मे की नमाज के बाद हिंदुओं पर जमकर पत्थरबाजी की।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कानपुर में शुक्रवार को नमाज के बाद हुई हिंसा (Kanpur Violence) में नाम पूछ-पूछकर हिंदुओं को निशाना बनाया गया। जब एक समुदाय के लोग जबरदस्ती दुकान बंद करवा रहे थे तो विरोध करने पर जमकर पथराव किया गया। उपद्रवियों ने वहां से गुजर रहे एक रिक्शा चालक का नाम पूछा और फिर उसको घेरकर जमकर पीटा। रिक्शा चालक को अधमरा छोड़कर उपद्रवी फरार हो गए।
बताया जा रहा है की दंगे के दौरान वहां से मुकेश नामक व्यक्ति अपना रिक्शा लेकर गुजर रहा था। दंगाइयों की भीड़ ने उसे रोका और नाम पूछा। जैसे ही उपद्रवियों को पता चला कि रिक्शा चालक हिंदू है, उसे नीचे उतारकर जमकर मारा गया। उसके सिर पर भी वार किया गया, जिससे वह अचेत हो गया। इसके बाद उपद्रवी वहां से फरार हो गए। बाद में गंभीर रूप से घायल चालक को लोग अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसकी हालत क्रिटिकल बनी हुई है।
आपको बताते चलें की हमलावर पत्थरबाज दिल्ली बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद को लेकर दिए गए कथित बयान से नाराज हैं। जिसके चलते उन्होंने यूपी के कानपुर में खूब उत्पात पचाया, घटना के कई सारे वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिनमें ये पत्थरबाज बिना कानून की प्रवाह किए आम जनता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
ये पूरी घटना परेड चौराहे की है। हालात बिगड़ते देख भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया, हालाँकि, पत्थरबाजी जारी रही। इसके बाद उन्मादी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियाँ भाँजी गई और टियर गैस के गोले दागे। सुबह से ही चमनगंज, मेस्टन रोड बाबू पुरवा, दलेल पुरवा, कर्नलगंज हीरामन पुरवा समेत कई इलाकों में पूर्ण या आँशिक बंदी थी। पुलिस ने मुस्लिमों को किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी थी
गौरतलब है की कानपुर के पुलिस कमिश्नर का कहना है कि अब हालात सामान्य हो गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। हालात को कंट्रोल में करने के बाद अब पुलिस ये पता लगाने में जुट गई है कि पत्थरबाजी में कौन लोग शामिल थे। वहीं इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सख्त निर्देश जारी किए हैं।
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