केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने दिल्ली उप राज्यपाल को पत्र लिखकर बताया की CM अरविंद केजरीवाल ने अपनी प्रेस कोंफ्रेंस के दौरान तिरंगे का अपमान किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने आरोप लगाया की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रेस कॉन्फ्रेंस/सम्बोधन में राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ है और सीएम केजरीवाल के प्रेस कॉन्फ्रेंस में तिरंगा झंडा को उलटा कर के लगाया गया था, जो राष्ट्रध्वज का अपमान है. अपनी इस आपत्ति को जाहिर करते हुए उन्होंने दिल्ली उप राज्यपाल को पत्र भी लिखा है.
For last few days,I was watching CM Arvind Kejriwal's press conferences & noticed that green stripe of flags behind him are enlarged. It's not in accordance with rules on depiction of national flag. I've written a letter to him, to maintain decorum of flag:Union Min Prahlad Patel pic.twitter.com/hwtN2EFWHH
— ANI (@ANI) May 28, 2021
केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के मुताबिक अरविंद केजरीवाल की कई प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो तिरंगे झंडे को कुछ इस तरह से लगाया जाता है, जैसे उसमें हरी पट्टियों को बढ़ा दिया गया हो”. उन्होंने कहा की यह बहुत गलत है और राष्ट्रीय ध्वज की जो मर्यादा है, वो बनी रहनी चाहिए. पटेल ने बताया की “ये झंडे जब केजरीवाल बोल रहे होते हैं, तो उनके बैकग्राउंड में लगाया जाता है, जिसमें ऐसा प्रतीत होता है कि इसके सफ़ेद भाग के कुछ हिस्से को हटा कर हरे रंग का क्षेत्र बढ़ा दिया गया है”.
प्रहलाद पटेल ने केजरीवाल द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के साथ किए गए इस बर्ताव को ‘राष्ट्रीय ध्वज संहिता’ का उल्लंघन भी बताया. पटेल ने जो पत्र गवर्नर को भेजा, उसमें उन्होंने ने लिखा की “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल टीवी चैनल पर जब संबोधन करते हैं तो उनकी कुर्सी के पीछे लगे राष्ट्रीय ध्वज के स्वरूप पर ध्यान चला जाता है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से निर्दिष्ट ‘भारतीय झंडा संहिता’ में उल्लेखित भाग 1 के 1.3 मानकों का प्रयोग नहीं दिखाई देता है”.
उन्होंने अपने में यह भी लिखा की “अरविंद केजरीवाल के सम्बोधनों के दौरान जिस तरह से राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाता है, उससे ऐसा लगता है जैसे इसे सम्मान देने की जगह सजावट के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है. वक्त के मंच को सजाने के लिए झंडे का प्रयोग यहीं होना चाहिए, और इसकी स्थिति महत्वपूर्ण और विशिष्ट होनी चाहिए”. केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने अपने पत्र में ‘राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971’ की धारा 2 (IX) का भी जिक्र किया.
इसे भी जरू ही पढिए:-