दिल्ली में हुई हिंसा के बाद आंदोलन मानो खत्म होने को है, इसी के चलते दो बड़े प्रदर्शनकारी किसानों के दलों ने अपना नाम आंदोलन से अलग हटा लिया है. इसकी जानकारी वीएम सिंह ने मीडिया को दी.
देश के 72 वें गणतन्त्र दिवस के मौके पर ट्रेक्टर परेड के नाम पर किसनों द्वारा की गई हिंसा के बाद अब आंदोलन के भीतर का माहौल गड़बड़ाता हुआ नजर आ रहा है, क्योंकि दो मुख्य दलों ने अब इस आंदोलन से अपना नाम पीछे लेने का निर्णय ले लिया है.
बता दें की अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और भारतीय किसान यूनियन (भानू गुट) ने अब अपनी दिशा बदल ली है, इसकी जानकारी ख़ुद अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने मीडिया को दी.
इस कारण पीछे हटा दल
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने मीडिया को बताया की अब आगे वह इस आंदोलन का हिस्सा नहीं रहना चाहते और अपना नाम इस आंदोलन से अलग कर रहे हैं.
Correction: I can't carry forward protest with someone whose direction is different. I wish them best but VM Singh & Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan* are withdrawing from the protest: VM Singh, Rashtriya Kisan Mazdoor Sangathan & All India Kisan Sangharsh Coordination Committee pic.twitter.com/kXC70UvRWZ
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वी. एम. सिंह ने मीडिया से कहा की “हम किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कृषि कानूनों के विरोध को आगे नहीं बढ़ा सकते जिसकी दिशा कुछ और हो, इसलिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं और ये स्पस्ट करता हूं की मैं ओर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति इस विरोध को तुरंत वापस ले रहे है.
दिल्ली हिंसा में सरकार की गलती –वीएम सिंह
गाजीपुर बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत करते समय दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर भी खूब तंज कसा. साथ ही साथ उन्होंने दिल्ली में हुई हिंसा के लिए सरकार को दोषी बताया.
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की “दिल्ली में जो हुआ उस पुरे घटना काण्ड में सरकार की भी गलती है जब लोग 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहे है तो केंद्र सरकार क्या कर रही थी? जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वालों को कई लोगों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी तब सरकार कहां थी?
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