कोरोना के इस संकट काल में भी पंजाब में 32 किसान संगठन 8 मई को लॉकडाउन के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने वालें हैं, इसकी घोषणा इन्होंने 5 मई को कर दी थी.
कोरोना की इस लेहर ने देश के हर राज्य को प्रभावित किया है, लेकिन यदि मृत्यु दर की बात करें तो भारत में कोरोना के कारण इस समय सबसे ज्यादा मृत्यु दर पंजाब की हैं. कुल मामलों की बात करें तो अब तक राज्य में 4 लाख 7 हजार 509 कोरोना संक्रमितों को दर्ज किया गया है, इनमें से 9 हजार 825 की मौत हो चुकी हैं. पिछले 14 दिनों में 93 हजार 240 नय मामले सामने आए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य की इन परिस्थितियों में भी पंजाब के ही कुल 32 किसान संगठन लॉकडाउन के खिलाफ़ 8 मई को प्रदर्शन करने वाले हैं. बता दें की राजधानी दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संयुक्ता किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बलबीर सिंह राजेवाल ने सरकार पर किसानों की आवाज को दबाने की साजिश का आरोप लगाया है.
Punjab farmers to hold massive protest against lockdown on May 8 amid rise in Covid cases
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— Economic Times (@EconomicTimes) May 5, 2021
कोंफ्रेंस में उसने कहा की “पंजाब के 32 किसान यूनियनों ने 8 मई को पंजाब में लॉकडाउन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है, जहाँ हमारे क्षेत्र के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे और लोगों से अपनी दुकानें खोलने के लिए कहेंगे और लॉकडाउन का पालन नहीं करेंगे” बलबीर सिंह राजेवाल का मानना है की कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है.
सरकार पर आरोप लगाते हुए उसने आगे कहा की “पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ही तीन काले कानून भी बनाए गए थे, लॉकडाउन कोई समाधान नहीं है, इससे केवल अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा और बेरोजगारी बढ़ेगी, सरकार लॉकडाउन की आड़ में अपनी विफलताओं को छिपा रही है – जैसे कि वे किस तरह से मरीजों को ऑक्सीजन, बेड और अन्य चिकित्सा सुविधाएँ देने में विफल रहे हैं”.
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