मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए उन पर Scroll ने भी फैलाई एक झूठी खबर, स्क्रॉल ने भ्रामक शीर्षक वाली खबर प्रकाशित किया.
कोरोना महामारी की दूसरी लेहर देश भर में केहर बरसा रही है, अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की कमी देश के लिए चिंता का विषय बन गई है. लेकिन इन सब के बिच में भारत में सबसे अधिक यदि कोई चिंता जनक बात है, तो वो है फेक न्यूज़. सोशल मीडिया पर वायरल अफवाहों से भी जहां आप जन बहुत परेशान था, मगर अब बड़ी बड़ी समाचार एजेंसियां भी फेक न्यूज़ फ़ैलाने में लगी हुई हैं.
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Scroll ने जारी किया भ्रामक शीर्षक
भारतीय हिंदी और अंग्रेजी भाषा का डिजिटल समाचार प्रकाशन स्क्रॉल ने योगी आदित्यनाथ को बदनाम करने के लिए अपने एक प्रकाशन में झूठा और भ्रामक करने वाला शीर्षक दिया. गोरतलब है की scroll.in भारत में बहुत लोकप्रिय न्यूज़ एजेंसियों में से एक हैं, ऐसे उसके ऐसे मिथ्या प्रकाशन का आप जनों पर गलत असर और भ्रामकता भी फैले सकती हैं.
बता दें की स्क्रॉल ने अपने एक आर्टिकल के शीर्षक में लिखा की ‘FIR filed against man who sought Twitter help for oxygen for grandfather in Uttar Pradesh’. ऐसे शीर्षक का यह अर्थ है की उत्तर प्रदेश राज्य में ट्विटर पर ऑक्सीजन के लिए मदद मांगने वाले शख्स पर FIR दर्ज की गई है. बता दें की बादमें स्क्रॉल ने अपने ऐसे भ्रामक शीर्षक पर एक स्पष्टीकरण भी दिया है.
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Scroll ने जारी किया अपना स्पष्टीकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार द इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से स्क्रॉल ने अपने स्पष्टीकरण में कहा की पुलिस ने बताया है कि यादव अपने ट्वीट के माध्यम से भ्रामक जानकारी दी थी, शशांक यादव पर FIR इसलिए की गई क्योंकि उस पर झूठा ट्विट करने का आरोप था और ऑक्सीजन कमी की भी अफवाह फैलाई. गोरतलब है की इतना सच जानने के बाद भी Scroll ने भ्रामक शीर्षक क्यों दिया?
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