ज्ञानवापी सर्वे के बाद अब देश के अलग-अलग हिस्सों से चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही है, इसी बीच कुतुब मीनार परिसर का एक नया वीडियो सामने आया है।
मीडिया संस्था जी न्यूज की ओर से जारी किए गए वीडियो में कुतुब मीनार का परिसर दिखाई दे रहा है और इस परिसर के अधिकतर भाग की इमारतों पर हिंदू मंदिरों के प्रतीक चिन्ह दिखाई दिए हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल भी हो रहा है, इस वीडियो में आप भी देख सकते हैं की परिसर में बनी इमारतों और पिलरों पर मंदिरों की घंटियां व हिंदू सट्रेकचर की क्लाकर्तियाँ आदि हैं, देखें पूरा वीडियो:-
आपको बताते चलें की दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार (Qutub Minar) की कहानी सुनाते हैं। कुतुब मीनार भी हमारे देश में ताजमहल की तरह ही मशहूर है। आपने स्कूल में इतिहास की किताबों में पढ़ा होगा कि इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था। लेकिन किसी ने आपको ये नहीं बताया होगा कि इस कुतुबमीनार के नीचे भी मन्दिरों के दमन का एक और इतिहास दबा हुआ है।
वहीं वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के बाद अब दिल्ली के कुतुब मीनार (Qutub Minar) को लेकर मामला तूल पकड़ रहा है। ASI के 150 वर्ष पुराने दस्तावेज़ों को पढ़ा है, कई इतिहासकारों से भी बात की है। ये विवाद 24 हजार वर्ग मीटर में फैले उस जमीन के टुकड़े को लेकर है, जिसे कुतुब मीनार Complex कहा जाता है। इस Complex में कुतुबमीनार के अलावा, एक मस्जिद भी है, जिसे कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद कहते है।
बता दें की इसे भारत की सबसे पुरानी मस्जिद भी माना जाता है। इसके अलावा इसी परिसर में दिल्ली सल्तनत के बादशाह इल्तु-तमिश का भी मकबरा है। यहां एक लौह स्तम्भ है। खिलजी वंश के दूसरे शासक, अलाउद्दीन खिलजी का मकबरा भी इस क्षेत्र में बना हुआ है। यहां अलाई मीनार और अलाई दरवाजा भी है, जिनका निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने 14वीं शताब्दी में करवाया था।
गौरतलब है की अलाउद्दीन खिलजी भी हिन्दुओं से बहुत नफरत करता था। अलाउद्दीन खिलजी ने भी भारत में कई मन्दिरों को तुड़वाया। उसके कार्यकाल में कुतुब मीनार परिसर का भी विस्तार हुआ। यानी 24 हजार वर्ग मीटर के इस क्षेत्र में कई तरह के स्मारक हैं और दावा है कि ये सभी उस स्थान पर बने हैं, जहां पहले 27 हिन्दू और जैन मन्दिर हुआ करते थे।
बताया जा रहा है की ASI के पूर्व रीजनल डायरेक्टर धर्मवीर शर्मा का कहना है कि कुतुब मीनार पहले विष्णु स्तंभ हुआ करता था, जिसे 5वीं शताब्दी में गुप्त साम्राज्य के राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। माना जाता है कि विष्णु स्तम्भ, सूर्य और नक्षत्रों का अध्ययन करने के लिए बनाया गया था। इसी वजह से कुतुबमीनार में 25 इंच का झुकाव है और ये मीनार 73 मीटर ऊंची है। एक और बात, ऐतिहासिक दस्तावेज़ों से ये बात भी स्पष्ट होती है कि आज कुतुब Complex में जितने भी स्मारक और मस्जिद हैं, वो मन्दिरों को तोड़ कर बनाए गए हैं।
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