सोशल मीडिया पर किसान नेता भानु प्रताप सिंह का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे कथित किसान नेता राकेश टिकैत को दलाल करार दे रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बड़े और दिग्गज किसान नेता भानु प्रताप सिंह का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे राकेश टिकैत पर गंभीर से गंभीर आरोप लगा रहे हैं. बता दें की पिछले साल नवंबर में आए तीन कृषि सुधारो कानूनों को लेकर लगातार इतने महीनों से कथित किसानों का प्रदर्शन जारी है, 26 जनवरी 2021 को ट्रेक्टर पैरेड के दौरान इन लोगों ने दंगें करके लाल किले पर तिरंगें के सामने एक महजबी झंडा फेहराया था जिसके बाद अधिकतम किसान दलों ने अपना नाम इस आंदोलन से पीछे कर लिया था.
Farmer Leader exposing real face of Rakesh Tikait. pic.twitter.com/jw3F6rsMad
— Ankur (@iAnkurSingh) September 18, 2021
जिनमें से एक भानु प्रताप सिंह का दल भी था, अब भानु प्रताप सिंह का वीडियो वायरल हो रहा है और वीडियो ANI के बातचित के दौरान सिंह राकेश टिकैत के बारे में कहते हैं “जब महेंद्र टिकैत ने अपने संगठन का विस्तार किया और हमें भी उसमें शामिल कराया. तभी से इसने (राकेश टिकैत) दलाली करनी और अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करनी शुरू कर दी थी. ये ऐसा व्यक्ति है, जिसने कोई भी काम आज तक बिना ठगे किया है नहीं, उदाहरण के तौर पर आप नोएडा के जेपी ग्रुप को देख लीजिए, जिसे इसने ठगा था. अभी ये कॉन्ग्रेस की फंडिंग से चल रहा है”.
ये(राकेश टिकैत) बिना ठगे कोई काम नहीं करते। किसान आंदोलन कांग्रेस की फंडिंग से चल रहा है। वहां काजू, बादाम, पिस्ता, किशमिश और शराब की बोतल मिल रही है। असली किसान आंदोलन में नहीं है, वहां केवल शराब पीने वाले और नोट लेने वाले हैं: BKU (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह pic.twitter.com/FrxpLzzoeX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2021
प्रताप ने अपने दावे से जुड़ा खुलासा करते हुए कहा “पक्के मकान सड़कों पर बनाकर वहाँ के कमरों में काजू, बादाम, पिस्ता, किसमिशि और शराब की बोतलें बोरे में भरकर आती हैं और लोग उनके मजे लेते हैं. असली किसान इसकी हकीकत जान गया है. वहाँ (किसान धरना स्थल) केवल शराब पीने और नोट लेने वाले हैं. 100, 200 रुपए रोज ले लिए और शराब पी ली. राकेश टिकैत इस आंदोलन को इसलिए लंबा खींचना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें इससे फंडिंग मिल रही है. अगर उन्होंने इस विरोध को बंद कर दिया तो उनकी फंडिंग बंद हो जाएगी”.